वज्रासन के फायदे | Vajrasana Ke Fayde
वज्रासन (वज्र मुद्रा) मन और शरीर को शांत करने वाले आसन योग आसन हैं। यह नौसिखयो के लिए उत्कृष्ट मुद्रा है क्योंकि यह अन्य आसन की तुलना में काफी आसान है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, वज्र भगवान इंदिरा (स्वर्ग का देवता) का नाम है जो हीरे के समान कठोर था। इसी कारण से इसे डायमंड पोज के नाम से भी जाना जाता है।
मानव शरीर में प्रमुख नसों में से एक का नाम वज्र नाड़ी भी है। वज्र नाड़ी जनन तंत्र से जुड़ी है जो मानव शरीर में यौन ऊर्जा को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है। इसलिए इस योग मुद्रा का अभ्यास करने से व्यक्ति अपनी यौन ऊर्जा को नियंत्रित कर सकता है।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि आप अपने भोजन करने के तुरंत बाद इस योग मुद्रा का अभ्यास कर सकते हैं। हाँ! यह एकमात्र योग मुद्रा है जिसे आप लंच या डिनर के ठीक बाद अभ्यास कर सकते हैं। यह वास्तव में पाचन प्रक्रिया को तेज करता है। यह कब्ज या किसी अन्य पेट से संबंधित समस्याओं से छुटकारा पाने में भी काफी मददगार है।
वज्रासन के अन्य लाभ
- पाचन में सुधार करता है और कब्ज, अपच और अम्लता का राहत दिलाता है।
- मासिक धर्म संबंधी विकारों को ठीक करने में सहायक।
- आध्यात्मिक लाभ और मन की शांति प्राप्त करने के लिए उपयोगी है।
- वज्रासन के नियमित अभ्यास से पूरे शरीर का कायाकल्प हो जाता है।
- बवासीर और पेट की बीमारियों जैसे पेप्टिक अल्सर, हाइपर एसिडिटी से राहत दिलाता है।